यह इलाहाबाद के एक बहुत ही मासूम आदमी की कहानी है, किसी तरह, वह अपनी कामुकता के बारे में संदिग्ध हो जाता है और अपने तथाकथित शुभचिंतकों द्वारा सुझाई गई कई चीजों को बिना कुछ सोचे समझे करता है औ... सभी पढ़ेंयह इलाहाबाद के एक बहुत ही मासूम आदमी की कहानी है, किसी तरह, वह अपनी कामुकता के बारे में संदिग्ध हो जाता है और अपने तथाकथित शुभचिंतकों द्वारा सुझाई गई कई चीजों को बिना कुछ सोचे समझे करता है और अधिक से अधिक समस्याओं में फंस जाता है.यह इलाहाबाद के एक बहुत ही मासूम आदमी की कहानी है, किसी तरह, वह अपनी कामुकता के बारे में संदिग्ध हो जाता है और अपने तथाकथित शुभचिंतकों द्वारा सुझाई गई कई चीजों को बिना कुछ सोचे समझे करता है और अधिक से अधिक समस्याओं में फंस जाता है.